आलोचना
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श्रीलाल शुक्ल की दुनियाअखिलेश तत्भव
मूल्य: Rs. 350
प्रसिद्ध युवा कथाकार अखिलेश द्वारा सम्पादित यह कृति श्रीलाल शुक्ल के व्यक्तित्व और सृजन के अध्ययन की विभिन्न विचारोत्तेजक छवियाँ प्रस्तुत करती है। आगे... |
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शब्द परस्परनिरंजन देव शर्मा
मूल्य: Rs. 350 कृष्णा सोबती के समग्र रचनात्मक अवदान पर केन्द्रित मुकम्मल किताब, बल्कि किताबों की जरूरत बनी हुई है, निरंजन देव की ‘शब्द परस्पर’ इस जरूरत को पूरी करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम है। आगे... |
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सौन्दर्यशास्त्र के तत्वकुमार विमल
मूल्य: Rs. 800
इस पुस्तक में सौंदर्यशास्त्र को व्यावहारिक आलोचना के धरातल पर उतारा गया है आगे... |
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समकालीनता और साहित्यराजेश जोशी
मूल्य: Rs. 600
आलोचना से यह उम्मीद तब तक निरर्थक ही होगी जब तक कि कवि स्वयं इस दृश्य के मूल्यांकन की कोशिश नहीं करेंगे। यही हालत गद्य की भी हे, विशेष रूप से कहानी और उपन्यास की। आगे... |
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समकालीन काव्य यात्रानन्दकिशोर नवल
मूल्य: Rs. 550 प्रस्तुत पुस्तक में हिंदी के सुपरिचित आलोचक डॉ. नंदकिशोर नवल ने विजयदेव नारायण साही से लेकर धूमिल तक की कविता का गहन, विशद और वस्तुपरक अध्ययन कर यह सिद्ध कर दिया है कि आधुनिक हिंदी कविता न केवल निरंतर गतिशील है, बल्कि वह विकासशील भी है। आगे... |
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सफदर: व्यक्तित्व और कृतित्वसफदर हाशमी
मूल्य: Rs. 250 ‘जन नाट्य मंच’ के संस्थापक सदस्य और सुविख्यात युवा रंगकर्मी सफ़दर हाशमी की स्मृति से जुड़ी यह पुस्तक साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में एक अलग तरह का महत्त्व रखती है। आगे... |
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सात भूमिकाएँमहादेवी वर्मा
मूल्य: Rs. 350
अपनी विशिष्ट ‘तर्कसंगत पद्धति’ से दूधनाथ सिंह ने महादेवी के रचनाकर्म को विवेचित किया है। आगे... |
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रेणु का है अन्दाजे बयां औरभारत यायावर
मूल्य: Rs. 300 रेणु के अंदाज़े-बयाँ को अपने ही ढंग से प्रस्तुत करने वाली यह अनोखी पुस्तक है। आगे... |
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राग दरबारी आलोचना की फाँसरेखा अवस्थी
मूल्य: Rs. 600 राग दरबारी पर यह पहली आलोचना पुस्तक है आगे... |
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प्रेमचंद एक तलाशश्रीराम त्रिपाठी
मूल्य: Rs. 450 आलोचक श्रीराम त्रिपाठी ने वस्तुतः हिन्दी और उर्दू में समानरूपेण समादृत अमर कथाशिल्पी मुंशी प्रेमचन्द को उनकी रचनाओं में तलाश किया है। आगे... |
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प्रेमचंद और उनका युगरामविलास शर्मा
मूल्य: Rs. 895
इस पुस्तक में विद्वान लेखक ने प्रेमचंद की कृतियों का मूल्यांकन ऐतिहासिक सन्दर्भ और सामाजिक परिवेश की पृष्ठभूमि में किया है। आगे... |
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प्रेमचंद और भारतीय समाजनामवर सिंह
मूल्य: Rs. 495
आधुनिक रचनाकारों में इकलौते प्रेमचन्द ही हैं जिनमें हिन्दी के शीर्ष स्थानीय मार्क्सवादी आलोचक प्रो. नामवर सिंह की दिलचस्पी निरन्तर बनी रही है। प्रेमचन्द पर विभिन्न अवसरों पर दिये गए व्याख्यान एवं उन पर लिखे गए आलेख इस पुस्तक में एक साथ प्रस्तुत हैं। आगे... |
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प्रेमचंद : विगत महत्ता और वर्तमान अर्थवत्तामुरली मनोहर प्रसाद सिंह
मूल्य: Rs. 250
दस्तावेज़ी महत्त्व के साथ-साथ यह पुस्तक प्रेमचन्द के पाठकों के लिए भी बहुत उपयोगी सिद्ध होगी। आगे... |
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प्रेमचंद: एक साहित्यिक विवेचननन्द दुलारे वाजपेयी
मूल्य: Rs. 250 महान कथाकार प्रेमचंद के संपूर्ण कथा–साहित्य को उसकी सभी विशेषताओं और विफलताओं के साथ विश्लेषित करने का प्रयास यहाँ लेखक ने किया है। आगे... |
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प्राचीन भारत के कलामक विनोदहजारी प्रसाद द्विवेदी
मूल्य: Rs. 400
इसमें लेखक ने गुप्तकाल के कुछ सौ वर्ष पूर्व से लेकर कुछ सौ वर्ष बाद तक के साहित्य का अवगाहन करते हुए उस काल के भारतवासियों के उन कलात्मक विनोदों का वर्णन किया है जिन्हें जीने की कला कहा जा सकता है। आगे... |
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फिलहालअशोक वाजपेयी
मूल्य: Rs. 250 कविता को फिर जीवित तात्कालिकता देने के लिए और काव्य-भाषा को, जो बिंबों में फँसकर गतिहीन और जड़ हो चुकी थी; ताजगी और जीवंतता देने के लिए, युवा कवियों ने अगर सपाटबयानी की ओर रुख किया तो यह स्वाभाविक और जरूरी ही था। आगे... |
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निराला की साहित्य साधना : खंड-1-3रामविलास शर्मा
मूल्य: Rs. 2985
निराला के व्यक्तित्व के जटिल और सूक्ष्म अन्तर्विरोधों से निःसृत कृतित्व का इस पुस्तक में मर्मस्पर्शी मूल्यांकन हुआ है जो अत्यन्त दुर्लभ तो है ही, बेमिसाल भी है। आगे... |
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निराला काव्य की छवियाँनन्दकिशोर नवल
मूल्य: Rs. 350 निराला-काव्य के अध्येता डॉ. नंदकिशोर नवल ने, जो निराला रचनावली के संपादक भी हैं; प्रस्तुत पुस्तक में निस्संदेह निराला के काव्य-लोक की बहुत ही भव्य फलक दिखलाई है। आगे... |
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निज ब्रह्म विचारपुरुषोत्तम अग्रवाल
मूल्य: Rs. 150
सैद्धान्तिक प्रश्नों से जूझने से लेकर अटलांटा, वर्धा और गोपेश्वर के अनुभव-संवेदनों को पाठकों के सामने प्रस्तुत करने तक के रूप में ये लेख लगातार उत्सुकता के साथ पढ़े गए। आगे... |
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मुक्तिबोध: ज्ञान और संवेदनानन्दकिशोर नवल
मूल्य: Rs. 600 दूसरे शब्दों में मुक्तिबोध पर यह पहली मुकम्मल किताब है। आगे... |
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मीरा और मीरामहादेवी वर्मा
मूल्य: Rs. 150
महादेवी वर्मा के मीरा विषयक व्याख्यान आगे... |
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महापुरुषों का स्मरणहजारी प्रसाद द्विवेदी
मूल्य: Rs. 175
कहना न होगा कि प्राचीन तथा समकालीन महापुरुषों को समझने में यह पुस्तक एक महत्त्वपूर्ण दस्तावेज़ का कार्य करेगी। आगे... |
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महादेवीदूधनाथ सिंह
मूल्य: Rs. 600
यह किताब महादेवी की लिखत-पढ़त, उनके चित्रों-रेखांकनों, उनके जीवन-वृत्त और उनके बारे में लेखक की संस्कृतियों के भीतर से उनको समझने की एक निजी कोशिश है। आगे... |
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मध्यकालीन बोध का स्वरूपहजारी प्रसाद द्विवेदी
मूल्य: Rs. 495
प्रस्तुत पुस्तक में आचार्य द्विवेदी के पाँच व्याख्यान संकलित हैं, जो उन्होंने टैगोर प्रोफेसर के नाते पंजाब विश्वविद्यालय में दिए थे। आगे... |
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कुछ पूर्वग्रहअशोक वाजपेयी
मूल्य: Rs. 295 पिछले वर्षो में हिंदी आलोचना में जो नाम छाए रहे हैं उनमे एक नाम निश्चय ही अशोक वाजपेयी का है कविता के लिए उनका पूर्वग्रह अब कुख्यात ही है। आगे... |
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कुछ कहानियाँ: कुछ विचारविश्वनाथ त्रिपाठी
मूल्य: Rs. 300 इतना कहना लेकिन जरूरी लगता है कि कुछ स्वातंत्रयोत्तर हिंदी कहानियों पर लिखी ये समीक्षाएँ पढने के बाद वे कहानियां फिर-फिर पढने को जी करता है। आगे... |
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कविता के नये प्रतिमाननामवर सिंह
मूल्य: Rs. 595
कविता के नए प्रतिमान में समकालीन हिंदी आलोचना के अंतर्गत व्याप्त मूल्यांध वातावरण का विश्लेषण करते हुए उन काव्यमूल्यों को रेखांकित करने का प्रयास किया गया है जो आज की स्थिति के लिए प्रासंगिक हैं। आगे... |
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कविता के आर पारनन्दकिशोर नवल
मूल्य: Rs. 350 इस तरह की पुस्तक हिंदी काव्य-प्रेमियों के लिए एक जरूरी पुस्तक है, जो उनकी आस्वादन क्षमता को विकसित करेगी। आगे... |
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कथाकार कमलेश्वर और हिंदी सिनेमाउज्ज्वल अग्रवाल
मूल्य: Rs. 450 प्रस्तुत शोध-प्रबंध कमलेश्वर के हिन्दी सिनेमा में विराट योगदान को रेखांकित करता है। आगे... |
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कथा समय में तीन हमसफरनिर्मला जैन
मूल्य: Rs. 195
नई कहानी दौर की एक विशिष्ट कथा–त्रयी की रचनात्मकता पर एक मानक कलम से उतरी अनूठी आलोचना कृति। आगे... |
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कार्ल मार्क्स : कला और साहित्य चिंतननामवर सिंह
मूल्य: Rs. 595
प्रस्तुत पुस्तक में संकलित लेखों को पढ़कर पाठक साहित्य और कला से संबंधित इन सभी मुद्दों से परिचित हो सकेगा। आगे... |
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कामायनी एक पुनर्विचारगजानन माधव मुक्तिबोध
मूल्य: Rs. 350 कामायनी : एक पुनर्विचार, व्यावहारिक समीक्षा के क्ष्रेत्र में एक सर्वथा नवीन विवेचन-विश्लेषण-पद्धति का प्रतिमान है। आगे... |
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कल्पलताहजारी प्रसाद द्विवेदी
मूल्य: Rs. 175
निश्चय ही द्विवेदी जी की यह कृति शास्त्र को लोक से जोड़नेवाली उनकी विदग्ध रचनात्मकता का अप्रतिम साक्ष्य है। आगे... |
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जो बचा रहानन्द चतुर्वेदी
मूल्य: Rs. 400 प्रस्तुत पुस्तक संस्मरण और आलोचना के मिश्रण से बने लेखों का संग्रह है। आगे... |
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जीने का उदात्त आशयपंकज चतुर्वेदी
मूल्य: Rs. 600 लेखक ने इस पुस्तक के पहले निबंध में कुअंर नारायण के विचारों और उनकी समग्र काव्य-यात्रा से चुनी हुई कविताओं के विश्लेषण के जरिए उनकी काव्य-दृष्टि को समझने और उसका एक स्वरुप निर्मित करने की चेष्टा की है। आगे... |
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जब प्रश्नचिन्ह बौखला उठेगजानन माधव मुक्तिबोध
मूल्य: Rs. 195 इस संग्रह में ‘मुक्तिबोध रचनावली’ के प्रकाशन के बाद प्राप्त उनके राजनीतिक निबन्धों को संकलित किया गया है। आगे... |
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हिंदी वेब साहित्यसुनील कुमार लवटे
मूल्य: Rs. 600 हिंदी भाषा और साहित्य की विभिन्न वेबसाइट्स पर प्रकाशित साहित्य का यह पहला व्यवस्थित अनुसंधान है । आगे... |
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हिंदी उपन्यास का इतिहासगोपाल राय
मूल्य: Rs. 950
कोशिश यह की गई है कि यह पुस्तक हिन्दी उपन्यास का मात्र ‘इतिहास’ न बनकर ‘विकासात्मक इतिहास’ बने। आगे... |
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हिंदी उपन्यास: एक अंतर्यात्रारामदरश मिश्र
मूल्य: Rs. 450 लेखक की अन्तर्दृष्टि हिन्दी उपन्यास के संश्लिष्ट व्यक्तित्व और उसकी चेतना-यात्रा को पहचानने में सफल हुई है। आगे... |
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हिंदी की साहित्यिक संस्कृति और भारतीय आधुनिकताराजकुमार
मूल्य: Rs. 400 यह पुस्तक गांधी और मार्क्स का एक नया भाष्य ही नहीं प्रस्तुत करती, बल्कि भारतीय आधुनिकता की विलक्षणताओं को भी रेखांकित करने का उपक्रम करती है। आगे... |
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हिंदी कविता अभी बिल्कुल अभीनन्दकिशोर नवल
मूल्य: Rs. 500 संवेदनशीलता के साथ स्पष्टता और आत्मीयता डॉ– नवल की ऐसी विशेषताएँ हैं, जिन्हें सराहते ही बनता है। आगे... |
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हिंदी कहानी का इतिहास : खंड-3 (1976-2000)गोपाल राय
मूल्य: Rs. 695
हिन्दी कहानी के विकासेतिहास में रुचि रखने वाले पाठकों, शोधार्थियों व लेखकों के लिए समान रूप से महत्त्वपूर्ण कृति। आगे... |
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हिंदी कहानी का इतिहास : खंड-2 (1951-1975)गोपाल राय
मूल्य: Rs. 795
यह किताब हिन्दी कहानी का इतिहास का दूसरा खंड है। पहले खंड में 1900-1950 अवधि की हिन्दी कहानी का इतिहास प्रस्तुत किया गया था। आगे... |
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हिंदी का गद्यपर्वनामवर सिंह
मूल्य: Rs. 695
इस पुस्तक में अलग-अलग अवसरों पर लिखी गई पाँच समीक्षाएँ भी मौजूद हैं। आगे... |
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हिंदी आलोचना में कैनन निर्माण की प्रक्रियामृत्युंजय
मूल्य: Rs. 500 बकौल लेखक, ''मैंने पाया कि हिन्दी आलोचना में कैनन-निर्माण की प्रक्रिया इतिहास की बहसों से गहरे रची-बसी है। आगे... |
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हिंदी आलोचना का विकासनन्दकिशोर नवल
मूल्य: Rs. 795 इस पुस्तक में उन्होंने हिन्दी आलोचना के इतिहास को नहीं, विकास को स्पष्ट किया है। आगे... |
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हिंदी आलोचना का दूसरा पाठनिर्मला जैन
मूल्य: Rs. 400
आज आवश्यकता हिन्दी आलोचना के इतिहास को उसके समुचित परिदृश्य में रखने की ही है। आगे... |
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हिंदी आलोचनाविश्वनाथ त्रिपाठी
मूल्य: Rs. 450 कृति की राह से गुजरना उचित है, लेकिन कृति को देखने की दृष्टि प्राप्त करके। आगे... |
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एक कवि की नोट बुकराजेश जोशी
मूल्य: Rs. 250
यह एक कवि की नोटबुक है। इसलिए उसमें व्यवस्था कम, बहक ज्यादा है। आगे... |
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दिनकर अर्धनारीश्वर कविनन्दकिशोर नवल
मूल्य: Rs. 350 दिनकर आधुनिक हिंदी कविता के उत्तर–छायावादी वा नवस्वच्छंदतावादी दौर के सर्वश्रेष्ठ कवि थे। आगे... |