हास्य-व्यंग्य
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विषम कोणज्ञान चतुर्वेदी
मूल्य: Rs. 350 |
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डोलर हिंडादिनेश चन्द्र पुरोहित
मूल्य: Rs. 695
संस्मरणात्मक हास्य-व्यंग्य आगे... |
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सजीली दुनियासुरेन्द्र मोहन पाठक
मूल्य: Rs. 20
चुटचुलों का एक हंगामाखेज संकलन आगे... |
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रंगीली दुनियासुरेन्द्र मोहन पाठक
मूल्य: Rs. 20
चुटचुलों का एक हंगामाखेज संकलन आगे... |
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भीड़ और भेड़िएधर्मपाल महेंद्र जैन
मूल्य: Rs. 325 |
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ओ पप्पू आंख मारेडॉ. आलोक सक्सेना
मूल्य: Rs. 320 |
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दि पण्डित जीराजेन्द्र पण्डित
मूल्य: Rs. 150
हास्य-व्यंग्य कथाएँ आगे... |
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कैंची और आलपिनडॉ. सुरेश अवस्थी
मूल्य: Rs. 40 डॉ0 सुरेश अवस्थी का नवीन व्यंग्य संग्रह आगे... |
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प्रतिभार्चन - आरक्षण बावनीसारंग त्रिपाठी
मूल्य: Rs. 3 ५२ छन्दों में आरक्षण की व्यर्थता और अनावश्यकता…. आगे... |
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दो कौमेंसआदत हसन मंटो
मूल्य: Rs. 150 दो कौमें आगे... |
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बेईमानी की परतहरिशंकर परसाई
मूल्य: Rs. 195 बेईमानी की परत आगे... |
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चम्पू कोई बयान नहीं देगाअशोक चक्रधर
मूल्य: Rs. 350 चम्पू कोई बयान नहीं देगा आगे... |
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चौपाल पे ताऊशमीम शर्मा
मूल्य: Rs. 200 चौपाल पे ताऊ आगे... |
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जीनियसविनोद गोदरे
मूल्य: Rs. 60 जीनियस आगे... |
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कुछ कर न चम्पूअशोक चक्रधर
मूल्य: Rs. 295 कुछ कर न चम्पू आगे... |
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माटी कहे कुम्हार सेहरिशंकर परसाई
मूल्य: Rs. 395 माटी कहे कुम्हार से आगे... |
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वैष्णव की फिसलनहरिशंकर परसाई
मूल्य: Rs. 295 ‘वैष्णव की फिसलन’ प्रसिद्ध व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई की श्रेष्ठ रचनाओं का संकलन है। आगे... |
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उर्दू की आखिरी किताबइब्ने इंशा
मूल्य: Rs. 199
उर्दू में तंजनिगारी (व्यंग्य) के जो बेहतरीन उदाहरण मौजूद हैं उनमें इब्ने इंशा का अंदाज सबसे अलहदा और प्रभाव में कहीं ज्यादा गहरा, कहीं ज्यादा तीक्ष्ण है। आगे... |
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तुलसीदास चंदन घिसैंहरिशंकर परसाई
मूल्य: Rs. 350 तुलसीदास चन्दन घिसैं के आलेखों का केंद्रीय स्वर मुख्यतः सत्ता और संस्कृति के सम्बन्ध हैं। आगे... |
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तहँ तहँ भ्रष्टाचारसतीश अग्निहोत्री
मूल्य: Rs. 250 'तहँ तहँ भ्रष्टाचार' व्यंग्य-संग्रह में सतीश अग्निहोत्री ने समकालीन समाज की अनेक विसंगतियों पर प्रहार किया है। आगे... |
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शिकायत मुझे भी हैहरिशंकर परसाई
मूल्य: Rs. 195 शिकायत मुझे भी है में हरिशंकर परसाई के लगभग दो दर्जन निबन्ध संगृहीत हैं आगे... |
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प्रतिनिधि व्यंग्य: मनोहर श्याम जोशीमनोहर श्याम जोशी
मूल्य: Rs. 60 इस संकलन में संकलित सामग्री से व्यंग्य की यह शक्ति ही सामने नहीं आती, बतौर व्यंग्यकार जोशी जी की ताकत का भी पता चलता है। आगे... |
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पगडंडियों का ज़मानाहरिशंकर परसाई
मूल्य: Rs. 295
इस पुस्तक में हिन्दी के सबसे सशक्त और लोकप्रिय व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई के लगभग दो दर्जन निबन्ध संगृहीत हैं। आगे... |
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निठल्ले की डायरीहरिशंकर परसाई
मूल्य: Rs. 395 हरिशंकर परसाई हिन्दी के अकेले ऐसे व्यंग्यकार रहे हैं जिन्होंने आनन्द को व्यंग्य का साध्य न बनने देने की सर्वाधिक सचेत कोशिश की। आगे... |
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नदी में खड़ा कविशरद जोशी
मूल्य: Rs. 250
*"एक कहानी जो सीमाओं को पार करती है—जहाँ समय, रिश्ते और पहचान एक जादुई मिश्रण में पुनर्जन्म लेते हैं, जहाँ परिचित और नया एक साथ चलते हैं।"* आगे... |
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ईश्वर की कहानियाँविष्णु नागर
मूल्य: Rs. 250
पहली बार इस पुस्तक में अभी तक प्रकाशित ईश्वर की सभी कहानियाँ एक साथ संकलित हैं। आगे... |
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घाव करें गम्भीरशरद जोशी
मूल्य: Rs. 150
"शरद जोशी का *घाव करें गम्भीर*: संक्षिप्त व्यंग्य में सामाजिक विसंगतियों और आत्म-विश्लेषण की तीव्रता।" आगे... |
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देश सेवा का धंधाविष्णु नागर
मूल्य: Rs. 150
अपने समय की तीखी राजनीतिक-सामाजिक विडम्बनाओं को उन्होंने इस पुस्तक में शामिल सभी व्यंग्यों के माध्यम से पकड़ा है। आगे... |
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बिहार पर मत हँसोगौतम सान्याल
मूल्य: Rs. 250 समग्रत: प्रस्तुत व्यंग्य पुस्तक विधा और विन्यास दोनों क्षेत्रों में एक उपलब्धि है। आगे... |
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व्हाइट हाउस में रामलीलाआलोक पुराणिक
मूल्य: Rs. 450
समसामयिक जीवन और समाज के विभिन्न पक्षों पर तीखी निगाह से दृष्टिपात करते ये व्यंग्य-लेख निश्चय ही पाठकों को लम्बे समय तक याद रहेंगे। आगे... |
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तो अंग्रेज़ क्या बुरे थेरविन्द्र बड़गैयाँ
मूल्य: Rs. 95 ‘तो अंग्रेज क्या बुरे थे’ व्यंग्य-मिश्रित ललित गद्य का दिलचस्प उदाहरण है। आगे... |
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नेकी कर, अखबार में डालआलोक पुराणिक
मूल्य: Rs. 195 कोई वक्त रहा होगा, जब नेकी दरिया में डाली जाती थी। कोई वक्त रहा होगा, जब साधु-संत प्रवचन करते थे आगे... |
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छिछोरेबजी का रिजोल्यूशनपीयूष पांडे
मूल्य: Rs. 150 वास्तविक दुनिया में वर्चुअल दुनिया यानी आभासी दुनिया किस तरह से प्रवेश करती है, इस पुस्तक में बार बार दिखायी देता है आगे... |
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शेष अगले पृष्ठ परके डी सिंह
मूल्य: Rs. 150 यह किताब एक ऐसे लेखक की है जो लेखन की दुनिया का पेशेवर बाशिन्दा नहीं है आगे... |
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सर्वर डाउन हैयश मालवीय
मूल्य: Rs. 325 यह संकलन व्यंग्य लेखन की समृद्ध परंपरा में एक मील का पत्थर साबित होगा आगे... |
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राग मिलावट मालकौंसरवीन्द्र कालिया
मूल्य: Rs. 60 राजनीति में नहीं, साहित्य में भी छवि का विशेष महत्त्व स्वीकार किया गया है आगे... |
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महात्मा गाँधीशरद सिंह
मूल्य: Rs. 400 |
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और...शरद जोशीशरद जोशी
मूल्य: Rs. 250
"Sharad Joshi : A prophetic satire that unveils the hollowness beneath political ideals and societal values." आगे... |
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शरद परिक्रमाशरद जोशी
मूल्य: Rs. 350
"परिक्रमा: शरद जोशी का पहला व्यंग्य-संग्रह, जिसमें व्यंग्यकार की तीखी निगाह और मध्यवर्गीय विडम्बनाओं की झलक मिलती है।" आगे... |
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ठिठुरता हुआ गणतंत्रहरिशंकर परसाई
मूल्य: Rs. 295 |
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परम श्रद्धेय मैं खुदअनुज खरे
मूल्य: Rs. 400 |
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सम्मान फिक्सिंगगिरीश पंकज
मूल्य: Rs. 300 |
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ज्यों ज्यों बढ़े श्याम रंगप्रेम जनमेजय
मूल्य: Rs. 250 |
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फिट है बॉससतपाल
मूल्य: Rs. 250 |
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नारद की चिन्तासुशील सिद्धार्थ
मूल्य: Rs. 495 |
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साहित्य के प्रिंसपिलकेन्द्र अरोड़ा
मूल्य: Rs. 200 |
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भारतीय प्रजातंत्र और पुलिसपुष्पलता तनेजा
मूल्य: Rs. 250 |
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अन्तिम हितग्राही तक पहुँचअरुणा लिमये शर्मा
मूल्य: Rs. 400 |
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जनतंत्र और प्रहसनबिशन टंडन
मूल्य: Rs. 400 |
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अध्यात्म का मार्केटशिव शर्मा
मूल्य: Rs. 200 |