कविता संग्रह >> काव्य निर्झरिणी काव्य निर्झरिणीश्याम गुप्त
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‘‘मुक्ति का पाना है जीवन, भगवन्लय हो जाना जीवन,
मुक्ति का सन्देश यही है फिर से मिले सुहाना जीवन।‘‘
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