हास्य-व्यंग्य >> सरकार का घड़ा सरकार का घड़ायज्ञ शर्मा
|
42 पाठक हैं |
इन रचनाओं में राजनीतिक और सामाजिक विसंगतियों में फँसे आम आदमी की पीड़ा अभिव्यक्त हुई है, जो पाठक को संवेदनशील बनाती है।
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined index: 10page.css
Filename: books/book_info.php
Line Number: 569
|
लोगों की राय
No reviews for this book