हास्य-व्यंग्य >> फंडा मैनेजमेंट का फंडा मैनेजमेंट काप्रेमपाल शर्मा
|
80 पाठक हैं |
‘‘लकड़ी का तो सुना है, चूहे काट सकते हैं, पर लोहा ! स्टील ! मान गए भाई, चूहों को भी। आजादी के जितने पुराने दस्तावेज थे, सबका चूरन बना दिया दुष्टों ने।’’
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined index: 10page.css
Filename: books/book_info.php
Line Number: 569
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book