कविता संग्रह >> खिलाड़ी दोस्त तथा अन्य कविताएँ खिलाड़ी दोस्त तथा अन्य कविताएँहरे प्रकाश उपाध्याय
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विवादी समय में पूछना बहुत ज़रूरी है/ यह पूछो कि पानी में अब कितना पानी है/ आग में कितनी आग है, आकाश अब भी कितना आकाश है...
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