उपन्यास >> मुन्ना बैंडवाले उस्ताद मुन्ना बैंडवाले उस्तादशिवदयाल
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शिवदयाल न तो गल्प गढ़ते हैं और न ही वृत्तान्त को रबड़ की तरह खींचते हैं वरन् जीवन-प्रवाह में गल्प के विवर्त उठ खड़े होते हैं
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