परिवर्तन >> निशिकान्त निशिकान्तविष्णु प्रभाकर
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इस कहानी का काल स्वतंत्रता से पहले का है और पृष्ठभूमि उस समय की सामाजिक और राजनीतिक उथल-पुथल की है। एक तरफ स्वतंत्रता संग्राम की समस्यायें हैं तो दूसरी तरफ आर्य समाज, सामाजिक और धार्मिक परिवर्तनों की।
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