कविता संग्रह >> कौस्तुभ भरा कोटर कौस्तुभ भरा कोटरमोहन थानवी
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यूं भी, चिंता हुई तभी तो समुद्र मंथन से दैत्यों और देवताओं को ऐसा कुछ मिला, जो अमृत और जहर की प्रकृति एवं संज्ञा से विभूषित हुआ
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