उपन्यास >> तृष्णा तृष्णामंजु सिंह
|
241 पाठक हैं |
प्रस्तुत उपन्यास समाज एवं शिक्षा की विसंगतियों की प्रस्तुति में यथार्थपरक होते हुए भी एक आदर्श को लेकर पर्यवसित होता है....
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined index: 10page.css
Filename: books/book_info.php
Line Number: 569
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book