नारी विमर्श >> खरीदा हुआ दुख खरीदा हुआ दुखआशापूर्णा देवी
|
24 पाठक हैं |
आशापूर्णा जी के उपन्यास मूलतः नारी केन्द्रित होते हैं। सृजन की श्रेष्ठ सहभागी होते हुए भी नारी का पुरुष के समान मूल्यांकन नहीं है...
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined index: 10page.css
Filename: books/book_info.php
Line Number: 569
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book