अतिरिक्त >> नकली गढ़ नकली गढ़रबीन्द्रनाथ टैगोर
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राजस्थान की एक वीर गाथा है। कहते हैं कि एक बार चित्तौण के महाराज ने वैर-वश यह प्रण ठान लिया कि ‘जब तक बूंदीगढ़ को तबाह और बर्बा नहीं करता, तब-तक अन्न-जल ग्रहण नहीं करूंगा।’
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