नाटक एवं कविताएं >> रंग बिरंगा रंगमंच रंग बिरंगा रंगमंचफैसल अल्काजी
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कितनी मजेदार होती है कल्पना की दुनिया ? जरा सोचो कि तुम एक चिड़िया हो, पर फैलाये, जहां मन चाहे फुर्र से उड़ गए....
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