कहानी संग्रह >> यादों के दीप यादों के दीपमंजुला गुप्ता
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घनघोर स्वार्थी, आत्मकेन्द्रित और अपने आप में कछुए की तरह सिमटते जा रहे लोगों के कारण टूटते, दरकते, बिखरते, विघटित होते, खण्ड-खण्ड होते परिवारों की कारुणिक स्थिति का दारुण दस्तावेज हैं—‘यादों के दीप’।
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