जीवनी/आत्मकथा >> भये कबीर कबीर भये कबीर कबीरशुकदेव सिंह
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इस किताब में गवेषणा, पाठ-अनुसन्धान, प्रासंगिकता पर बहस है। विभिन्न कला माध्यमों में कबीर का दर्शन, प्रदर्शन और सामाजिक सुविधाओं के बाहर घूमते लोगों की निर्गुनियाँ व्यथा है।
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