मनोरंजक कथाएँ >> लालची बुढ़िया लालची बुढ़ियादिनेश चमोला
|
185 पाठक हैं |
किसी शहर में एक बुढ़िया रहती थी। वह बहुत दयालु थी। वह जितनी दयालु थी, उससे अधिक लालची भी थी। पशु-पक्षियों से बहुत प्रेम करती थी। इसलिए बच्चे व चिड़ियों को वह अच्छा-अच्छा दाना खाने को देती थी।
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined index: 10page.css
Filename: books/book_info.php
Line Number: 569
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book