नारी विमर्श >> नारी तेरे रूप अनेक नारी तेरे रूप अनेकभगवती प्रसाद वाजपेयी
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‘नारी तेरे रूप अनेक’ एक आदर्शवादी उपन्यास है। इसमें सर्व धर्म समन्वय तथा जनसेवा का संदेश है।
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