मनोरंजक कथाएँ >> जैसी करनी वैसी भरनी जैसी करनी वैसी भरनीसुयोग्य प्रकाशन
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बालकों ! पण्डित ईश्वरचन्द्र विद्यासागर का नाम तुम सभी ने सुना ही होगा । वह विद्वान ही हों सो बात नहीं है, उनका चरित्र भी बडे़ ऊँचे दर्जे का था, और वह सदा ही तन-मन और धन से, दुखियों का उपकार करने में लगे रहते थे।
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