नाटक-एकाँकी >> शुतुरमुर्ग शुतुरमुर्गज्ञानदेव अग्निहोत्री
|
8 पाठक हैं |
‘शुतुरमुर्ग़’ नाटक में श्री ज्ञानदेव अग्निहोत्री ने इस प्रतीक को राजनीति के प्रत्येक महानायक पर इतनी सहजता और सूझ-बूझ से आरोपित किया....
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined index: 10page.css
Filename: books/book_info.php
Line Number: 569
|
लोगों की राय
No reviews for this book