गीता प्रेस, गोरखपुर >> जीवन का सत्य जीवन का सत्यस्वामी रामसुखदास
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भगवान हमारे है उनपर हमारा अधिकार है। संसार से लोक-व्यवहार की दृष्टि से हमारा इतना ही सम्बन्ध है कि हम उसकी यथाशक्ति सेवा कर दें। भगवत्प्राप्ति इसी जीवन में सम्भव है।
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