लेखक:
लक्ष्मण गायकवाड (अनुवादक सूर्यनारायण रणसुभे)
जन्म : 1956 में महाराष्ट्र के सुदूर अंचल में स्थित धनेगाँव में।
आप पेशे से लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं | विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से आप महाराष्ट्र की अनुसूचीमुक्त और खाना-बदोश जनजातियों में सामाजिक जागरूकता पैदा करने के लिए प्रयत्नशील हैं। श्री गायकवाड के साहित्यिक जीवन की शुरूआत 1977 में लिखित एक गाथा से हुई, जिसमें शोषित जनता की व्यथा-कथा कही गयी थी। इसके अनन्तर मराठी की विभिन्न पत्रिकओं में आपके कुछ लेख प्रकाशित हुए। प्रस्तुत कृति उठाईगीर (उचल्या) एक आत्मकथात्मक उपन्यास है जो पददलित समाज के एक सदस्य के रूप में उनके अनुभवों पर आधारित है। इसमें सामाजिक असमानता पर पैना व्यंग्य और स्पष्ट स्वीकारोक्ति दोनों मुखर हैं। इस कृति के लिए आप तीन अन्य मराठी साहित्यिक पुरस्कारों–पानघण्टी पुरस्कार, मुकादम पुरस्कार और समता पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं। उचल्या' का शाब्दिक अर्थ है उठाईगीर या उचक्का। यह शोषितों की घिसी–पिटी गाथा से अलग एक आत्मकथात्मक वृत्तान्त है जो समाज के छोटे-मोटे अपराधों पर पल रहे एक वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है। बगैर आत्मदया या किसी किस्म की आत्ममुग्धता के यह उपन्यास अनगढ़ सच्चाई की ताज़गी का अहसास कराता है। यह एक मनुष्य और उसके समाज की कथा है जो अकृत्रिम शैली में बयान की गयी है। एक बेबाक और सशक्त साहित्यिक कृति होने के साथ-साथ महत्त्वपूर्ण समाज वैज्ञानिक दस्तावेज़ भी हो गयी है। अपनी दो टूक शैली और अकृत्रिम परिवेश के नाते प्रस्तुत कृति को मराठी साहित्य में उल्लेखनीय योगदान के लिए साहित्य अकादेमी के वर्ष 1989 के पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। पुरस्कार : साहित्य अकादेमा 1989, पानघण्टी पुरस्कार, मुकादम पुरस्कार और समता पुरस्कार। |
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उचक्कालक्ष्मण गायकवाड (अनुवादक सूर्यनारायण रणसुभे)
मूल्य: Rs. 225 1989 के साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित यह आत्मकथा बिना आत्मदया या किसी किस्म की आत्मश्लाघा के हमारे सामाजिक यथार्थ को सामने लाती है। आगे... |
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उठाईगीरलक्ष्मण गायकवाड (अनुवादक सूर्यनारायण रणसुभे)
मूल्य: Rs. 150
साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित लक्ष्मण गायकवाड के आत्मकथ्यात्मक उपन्यास ‘उचल्या’ का हिन्दी अनुवाद आगे... |
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दुभंगलक्ष्मण गायकवाड (अनुवादक सूर्यनारायण रणसुभे)
मूल्य: Rs. 150 30 सितम्बर, 1993 को महाराष्ट्र के किल्लारी गाँव, जिला लातूर में आए भूकम्प पर आधारित उपन्यास आगे... |
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पथर कटवालक्ष्मण गायकवाड (अनुवादक सूर्यनारायण रणसुभे)
मूल्य: Rs. 425 पथर कटवा आगे... |
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वकील पारधीलक्ष्मण गायकवाड (अनुवादक सूर्यनारायण रणसुभे)
मूल्य: Rs. 350 ब्रिटिश शासनकाल में जिन समुदायों को अपराधी के श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया था, उनमें एक पारधी समाज भी है। आगे... |